वायु प्रदुषण से नहीं बचे तो फेफड़े ही नहीं दिल भी पड़ सकता है कमजोर…

नई दिल्ली। उत्तर भारत में दिवाली और उसके आसपास हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्थिति में पहुंच जाती है। ऐसे में स्वास्थ्य का ध्यान रखना और भी जरूरी हो जाता है। बुजुर्गों और हार्ट से संबंधित बीमारियों के मरीजों का विशेष रूप से ध्यान रखने की जरूरत होती है।

और पढ़ें : पौधों को आधा घंटा गाना सुनाने के मिलेंगे 50 हजार, पढ़िए कहां मिल रही है ऐसी नौकरी…

हाल ही में किए गए एक अध्ययन में सामने आया है कि वायु प्रदूषण का हानिकारक असर उन लोगों के हार्ट पर भी पड़ सकता, जो पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर और किडनी की बीमारी से ग्रस्त हैं। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि क्रॉनिक किडनी डिजीज के साथ हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी से ग्रस्त वयस्कों में ग्लेसिटीन-3 के लेवल में वृद्धि का संबंध वायु प्रदूषण के संपर्क से हैं, जिसमें हार्ट के भीतर निशान बन जाते हैं। अध्ययन के नतीजों को अमेरिकन सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी (एएसएन) किडनी वीक-2021 में ऑनलाइन प्रकाशित किया गया है।

Ads

अमेरिका की केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी से संबद्ध व इस रिसर्च पेपर के प्रमुख लेखक हफसा तारिक ने बताया वायु प्रदूषण का सीधा संबंध व्यक्तियों में क्रॉनिक किडनी डिजीज के साथ मायोकार्डियल फाइब्रोसिस से है। मायोकार्डियल फाइब्रोसिस तब होता है, जब हार्ट की फाइब्रोब्लास्ट नामक कोशिका कोलेजेनेस निशान ऊतक पैदा करने लगती हैं।

इसे भी देखें : उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व संपन्न

इससे हार्ट बीट रुक सकती है और मौत हो सकती है। तारिक ने कहा कि एयर पॉल्यूशन को सीमित करने का लाभकारी प्रभाव क्रानिक किडनी डिसीज में हार्ट संबंधी बीमारियों को कम करने के रूप में मिलेगा। गौरतलब है कि यह विश्लेषण 1,019 प्रतिभागियों पर दो साल तक की गई स्टडी पर आधारित है।

Ads

उल्लेखनीय है कि रविवार 7 नवंबर को दिल्ली के कई इलाकों में वायु प्रदूषण ‘खतनाक’ स्तर पर मापा गया। दिल्ली के आईटीआई जहांगीर पुरी इलाके में एयर क्लालिटी लेवल खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। उल्लेखनीय है कि दिवाली के पहले से ही दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है।

This post has already been read 18320 times!

Sharing this

Related posts